Lyrics of Lyrics for Ghere
भेजे में पहले कोई
डांग डांग वज्दी है
हवा में गूंजते है रंग काई
चुप से पानी में
जो कांकड़ पड़ गया
चिपि लकीरें चल पड़ी
अरे दिन कहीं डूबा है
हुई कहीं सुबह है
दुनिया चलती है सर्किल पे
सर जो ये उठा है
गरदा ही मचा है
धड़कनों की जैसे हलचल पे
दर्द ही दावा है
अपना ही नशा है
जी ले जिंदगी मार मार के
सबको मैं नाच के
रख दूंगा हिला के
अब न रहना है डर डर के
घेर में घर में
घेर में घर में
रखली रात आज घेर में
घेर में घर में
घेर में घर में
रखली रात आज घेर में
घेर में घर में
घेर में घर में
रखली रात आज घेर में
घेर में घर में
घेर में घर में
रखली रात आज घेर में
घेरे हैं
जाना!
आसमान के तारे सारे झर गए
जुगनूओं ने करि रोशनी है
जो बिक गए दिन वो गुज़र गए
जगी है सनसनी
अरे आग ने छोड़ दिया है
उठ रहा धुआं है
लवा निकला है पत्थर है
रास्ता नया है अब बन गया है
पनियों से काट करके
सामने जो आए कम से वो जाए
छोटे चल थोड़ा बच करके
ज़िद से हूं भरा मैं
बिजली सा गिरा मैं
बादलों से ऐसे फत करके
घेर में घर में
घेर में घर में
रखली रात आज घेर में
घेर में घर में
घेर में घर में
रखली रात आज घेर में
घेर में घर में
घेर में घर में
रखली रात आज घेर में
घेर में घर में
घेर में घर में
राखली रात आज
घेरे हैं
सावरे से ज़्यादा अंधेरे
दिखते हैं चेहरे पे
घौ बडे गेहरे
चट्टान टूट जाते हैं
हम तो यहां हैं
कोयले में पीला है
फिर भी जी रहे हैं
लडेंगे तो शान से ईमान है अपना
लड़ने से डरते नहीं काम है अपना
रात तो है घेर में अकेले ही झेलेंगे
जरूर खेलेंगे टाइम है अपना
अरे दिन कहीं डूबा है
हुई कहीं सुबह है
दुनिया चलती है सर्किल पे
सर जो ये उठा है
गरदा ही मचा है
धड़कनों की जैसे हलचल पे
दर्द ही दावा है
अपना ही नशा है
जी ले जिंदगी मार मार के
सबको मैं नाच के
रख दूंगा हिला के
अब न रहना है डर डर के
घेर में घर में
घेर में घर में
रखली रात आज घेर में
घेर में घर में
घेर में घर में
रखली रात आज घेर में
घेर में घर में
घेर में घर में
रखली रात आज घेर में
घेर में घर में
घेर में घर में
राखली रात आज
घेरे हैं
घेरे हैं